हमारे आपके आस पास की बाते, जो कभी गुदगुदाती, तो कभी रूलाती हैं और कभी कभी तो दिल कहता है दे दनादन...
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रविवार, 28 फ़रवरी 2010

मंहगे मंत्री


मंहगाई के नाम पर हो रही हाय तौबा सुर्खियो में हैं, दाम बढे इससे आमजन में एतराज नही क्‍योकीं बढ तो आवक भी रही हैं, बाबा एक आना दे दे वाला भिखारी भी अब रूपये से नीचे बात नही करता और इसी गति से मंहगे हुऐ हैं प्रजातंत्र के सयाने ...........
अतिविशष्‍ट यानी VIP
राजनीति सेवा क्षेत्र नही हैं पर इसे व्‍यवसाय की अघोषित मान्‍यता तो हैं ही....
बात सांसद की करे तो
साल का
मूल वेतन 12,000/ रूपये मासिक 1,44000/
शासकीय खर्च 10,000/ रूपये मासिक 1,20,000/
कार्यालीयन खर्च 14,000/ रूपये मासिक 1,68,000/
यात्रा भत्‍ता 48,000/ रूपये मासिक 8/ प्रति कि. मी; 5,78,000/
संसद सत्र के दौरान दैनिक भत्‍ता 500/ रूपये औसतन 2,25,000/
प्रथम श्रेणी हवाई यात्रा पत्‍नी व सचिव साथ 40 बार फ्री प्रतिवर्ष 20,00,000/
होस्‍टल/ होटल फ्री 2,00,000/
घर पर बिजली 50,000 युनिट प्रतिवर्ष औसत मूल्‍य 30,00,000/
फोन काल 1,70,000 औसत मूल्‍य 1,70,000/

कुल सांसद 534 13,13,90,70,000/

लीजीऐ हर एक वार्षिक खर्च 2,46,05,000/
जी हां एक सांसद जी पर होने वाला ये वार्षिक खर्च दो अरब छियालीस लाख रूपये का साधारण सा खर्च है, जिन पर न शैक्षणिक / अनुभव योग्‍यता की बाध्‍यता हैं और न ही विकास गारंटी...........
जरा सोचिऐ क्‍या ये प्रजातांत्रिक मान्‍यताओ /अधिकारो का छलावा नही हैं
मौका हैं जागिये
मंहगाई के साथ साथ इन्‍हें भी ..............
हमारी मौलिक आवश्‍यकताओ का बढता भार की वजह क्‍या इनका बोझ नही होगा अब आप Delete बटन दबा सकते , पर Forword बटन बेहतर होगी जन जाग्रति के लिऐ हम भीड तंत्र का हिस्‍सा जरूर हैं पर भेड तो कतई नही .......
Hand s that serve are holier than the lips that pray
Be the change you want to see in the world
The future belongs to those who believe in the beauty of their dreams
We care and it shows


सतीश कुमार चौहान
भिलाई

2 टिप्‍पणियां:

soumendra priyadarshi ने कहा…

bhai bahut he satik vivran prastut kiya hai aapne apne desh ke netao ke dasha or disha ka. bahut khub.

संगीता पुरी ने कहा…

इस नए चिट्ठे के साथ आपको हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!