कल जन्मदिन था, बहुत से sms, mail, face book comment आऐ कुछ अतिउत्साही लोगो ने तो रात 12 बजे से ही land line , mobile घनघना दिये, दरअसल सेटेलाइट के दौर दोस्ती के नाम पर तमाम चाल चरित्र और चेहरे के पंचर लोग जीवन में आ घुले हैं, जिन्हे पहचानना बडा मुश्किल हो गया हैं, हर फटीचर अपने को अंबानी की औलाद एश्वर्या सी खूबसरत और सलमान सा दंबग बता रहा हैं,जिन्होने दोस्त शब्द की तो ऐसी तैसी ही कर दी हैं, सब की रस्म अदायगी एक सी थी तुमको हमारी उमर लग जाऐ, जिओ हजारो साल,खुश रहो, happy birth day , good luck etc. etc. मित्र किस्म की कुछ महिलाओ ने तो हैलो डार्लिग आई लव यू भी कह दिया सब फोन पर ही कर डाला, कुछ मलाईदार सूरीली आवाजे भी आई सर सर बधाई हो मैं नेहा, .........बैंक से बोल रही हूं , सर आज आपका जन्मदिन हैं , आज आपके जीवन का एक साल और कम हो गया, जीवन अनिश्चित हैं, हमारी इस पालसी को लीजीऐ (मर कर करोडपति बन जाईऐ) ये ये बेनेफिट मिलेगें,सर क्या मैं आज के शुभ दिन इस शुभ कार्य के लिऐ अपने मार्केटिंग एक्जूक्यूटिव को आप के पास भेज दू..........
परिवार में भी कुछ लोगो ने उत्साह दिखाया, आज तो पार्टी सार्टी होगी, डिनर अमुक होटल में नही तो इस ढाबे में चलेंगें,
ऐसे में दो पुराने पत्र मित्रो के बडे सम्मान,प्यार और दुलार के साथ निश्छल भाव से पोस्ट किये greeting आज मिले, कलम से उडेला प्यार दिल को छू गया, आंखे भर आई......
याद आ गया वो डाकिये का जमाना, दोपहर 12 बजे गली के कई घरो में सायकल की घण्टी का इन्तजार शुरू हो जाता था, किसी को मनिआडर , किसी को रोजगार की तलाश में शहर गऐ बेटे के खत का, किसी को साक्षात्कार के पत्र का, किसी को लडकी के रिश्ते के खत का इन्तजार होता था, धूप् ,गर्मी , बरसात, पर डाकिया आता ही था, ढेरो सन्देशे लेकर.......
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