सरकार
रमुआ के यहां से थाली बजने
की आवाज आई,
पुर्व निर्धारित पांचवी संतान के
आने का संकेत,
टुटी सायकल पर फटी बण्डी पहने
मट्रटी तेल बेचने वाला रमुआ
खुशी से मदमस्त हो रहा हैं
स्वास्थ, शिक्षा,रोजगार के लिऐ नही
सिर्फ पौव्वा के लिऐ वोट देता हैं,
रमुआ, देश की सरकार को,
अधेड कुपोषण का शिकार, रामकली
रमुआ की पत्नी अथवा रमुआ की सरकार
जो दे चुकी हैं चार साल में पांचवी संतान
अर्थात बुढापे का पांचवा सहारा
इसलिऐ खुशी से मदमस्त हो रहा हैं..........
सतीश कुमार चौहान, भिलाई
098271 13539
सोमवार, 26 अप्रैल 2010
सरकार
अगर आपको सुना दिखा सब सही लगता हैं तो निश्चय ही आप मुझसे असहमत होगें, क्योकी मेरी अब तक की जिन्दगी के अनुभवो में पांखण्ड ही ज्यादा नजर आया किसी ने रिश्तो की रस्म अदायगी की, तो किसी ने फर्ज या दायित्व कह कर टाल दिया , गरीब हो कर सीखा की मेहनत से आदमी अमीर होता हैं पर अमीर मेहनत कराने वाला हुआ, धूप,बरसात,गर्मी और ठंड में जी तोड मेहनत करता मजदूर गरीब ही रहा, बाजार में बचत करके अमीर होने की बात भी खारिज हो गई क्योकी यहां भी खर्च करने वाला ही अमीर हैं, जनप्रिय की कसौटी पर जनप्रतिनीधि ज्यादा ही जनता से दूर हैं ,सर्वव्यापी भगवान भी बेबस हैं उनके कपाट खुलने बन्द होने नाहने ,वस्त्र धारण, भोग का वक्त भी धर्म के ठेकेदारो द्वारा निर्धारित किया जा रहा हैं सरकारी दफतरो की तरह यहां भी सुविधा शुल्क हैं , डाक्टर मरने तो नही देता तो ठीक भी नही होने देता , वकील हारने नही देता तो जीतने भी नही देता, गुरू का दर्जा कर्मचारीयो जैसा हैं,और इस तरह जब सच न दिखे तो झूठ भी क्यो टिके .......? ब्लागिग में मेरा यही मिशन हैं .....
जन्मदिन 30 अक्टुबर 1968
स्थान भिलाई
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