सोमवार, 14 जून 2010
भोपाल गैस के महापुरूष
भोपाल गैस के छालो को मीडिया सहला रहा हैं या नोच रहा हैं ये उसे खुद नही मालूम , काफी हल्ला कर रहा हैं हमदर्दी तो सबको हैं पर मीडिया को तमाम गालीयो से विभूषित राज नेताओ को एक तरफ रख अब उन हिजडे जमात के अफसरो का भी कान पकडना चाहिये जो पब्लिक सर्विस की सहूलियते डकार कर शहरो पर हवलदारी कर रहे थे और 25 सालो के बाद ये बता कर महापुरूष बन रहे हैं की हमारा दुरूपयोग हुआ , तब इनकी विवेक बुद्वि के अलावा इनके अधिकार कहां थे जब भोपाल मे लाशे बिछ रही थी और ये नेताओ के व्याभिचार में एडरसन को बाहर निकालने लिऐ अपनी ऐसी तेसी करा रहे थे , दरअसल अब हो या तब ये इनकी उपरी कमाई का तरिका हैं .सबसे पहले जनता इनको लतियाऐ , पढे लिखे ये लोग शपथ, सहूलियते जनता के लिऐ लेते हैं इससे ही हमारे ब्यूरोक्रेसी में कुछ सुधार हो सकता हैं नही तो ये देश के लिऐ नेताओ से ज्यादा सरदर्द बन रहे हैं ........सतीश कुमार चौहान
अगर आपको सुना दिखा सब सही लगता हैं तो निश्चय ही आप मुझसे असहमत होगें, क्योकी मेरी अब तक की जिन्दगी के अनुभवो में पांखण्ड ही ज्यादा नजर आया किसी ने रिश्तो की रस्म अदायगी की, तो किसी ने फर्ज या दायित्व कह कर टाल दिया , गरीब हो कर सीखा की मेहनत से आदमी अमीर होता हैं पर अमीर मेहनत कराने वाला हुआ, धूप,बरसात,गर्मी और ठंड में जी तोड मेहनत करता मजदूर गरीब ही रहा, बाजार में बचत करके अमीर होने की बात भी खारिज हो गई क्योकी यहां भी खर्च करने वाला ही अमीर हैं, जनप्रिय की कसौटी पर जनप्रतिनीधि ज्यादा ही जनता से दूर हैं ,सर्वव्यापी भगवान भी बेबस हैं उनके कपाट खुलने बन्द होने नाहने ,वस्त्र धारण, भोग का वक्त भी धर्म के ठेकेदारो द्वारा निर्धारित किया जा रहा हैं सरकारी दफतरो की तरह यहां भी सुविधा शुल्क हैं , डाक्टर मरने तो नही देता तो ठीक भी नही होने देता , वकील हारने नही देता तो जीतने भी नही देता, गुरू का दर्जा कर्मचारीयो जैसा हैं,और इस तरह जब सच न दिखे तो झूठ भी क्यो टिके .......? ब्लागिग में मेरा यही मिशन हैं .....
जन्मदिन 30 अक्टुबर 1968
स्थान भिलाई
1 टिप्पणी:
सबसे पहले तो इस मीडिया पर बैन लगा देना चाहिए, जो पहले तो चुप्पी साधे बैठा था, और इन दिनों जब उसे कोई मुद्दा नहीं मिला तो भोपाल के मुद्दे तो रबड़ की भांति खींचे जा रहा हैं. भोपाल का मुद्दा उठाना गलत नहीं हैं, लेकिन मर्यादित ढंग से, सार्थक ढंग से, और जिम्मेदारी पूर्वक उठाना चाहिए था. नाकि इस तरह बुरी तरह अपने दर्शको/पाठको को उलझाना चाहिए था.
बहुत बढ़िया लिखा, धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
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