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शनिवार, 28 मई 2011

नरक के अम्‍पायर ....

आई पी एल के दौर में स्व र्ग और नरक के बीच भी क्रिकेट मैच होना तय हुआ खेल से पहले दोनो टीमो के दावे प्रतिदावे के दौरान स्वनर्ग के कप्ता न ने बडे आत्मेविश्वाशस से कहा की जीत तो हमारी पक्कीा हैं क्योदकी हमारे पास बेहतर बेटसमैन बालर ही नही फिल्डमर भी काफी मुस्तैरद हैं, जो लगातार अभ्यापस करते रहते हैं, इस पर नरक की टीम ने ताल ठोकते हुऐ कहा जीतेगे तो हम ही बेशक हमारे पास अच्छेग बेटसमैन बालर और फिल्ड र नही हैं पर अम्पा यर तो हमारा ही हैं, दरअसल यही हाल देश की फिस्स डी राज्यर सरकारो का हैं, जिनके द्वारा तमाम लोकलुभावनी योजनाओ को केवल मीडिया चाशनी में लपेट कर दिखाया बताया जा रहा हैं जबकी असल में उन योजनाओ के नाम पर या तो बंदर बाट मची हुई हैं या फिर फलाप ........


देश में येन तेन प्रकारेण सरकार बन जाना ही राजनीति का मूलमंत्र बन गया हैं उगली पर एक स्या ही का निशान लगते ही देश का आम मतदाता निहत्था हो जाता हैं और उसका वोट हासिल करते ही नेता जो आम या ईमली किसी भी आचरण का हो शंहशाह बन जाता हैं जिसके लिऐ राज करना बडा आसान काम हैं, समाज को जाति, धर्म, आर्थिक्‍ अथवा ऐसे किसी भी मुद्रदे पर समाज को दो भागो में बांट दो, जो सख्या में ज्याहदा दिखे उसे खुश करने में लग जाओ आवश्यमक लगे तो दूसरे पक्ष का हक भी इन पर ही लुटा दो, और यही प्रयोग गुजरात में धर्म आधारित हुऐ थे छतीसगढ में आर्थिक आधार पर गरीबो को मिल रही सुविधाओ के नाम पर हो रहा हैं एक और गरीब के नाम पर सरकारी खजाना खोल दिये जाने की बाते हो रही हैं दूसरी ओर मध्यरम वर्ग पर तमाम करो को थेाप कर अधमरा कर दिया जा रहा हैं, प्रजातंत्र का यह दुर्भाग्यत ही रहा हैं कि इसमे सिर गिने जाते हैं, और फिर बाकी काम तमाम चैनल और अखबार कर देता हैं जिसे कहते हैं प्रजातंत्र के सजग प्रहरी .........................सतीश कुमार चौहान भिलाई

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